भारत की पहली स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप ‘विक्रम’

भारत की पहली स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप 'विक्रम'

भारत ने अपनी पहली स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप बनाने में सफलता हासिल कर ली है. केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार, 2 सितंबर को यह चिप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपी.

भारत ने अपना पहला स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर विक्रम 3201 विकसित कर लिया है जो सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। इसरो की सेमी-कंडक्टर प्रयोगशाला (एससीएल) द्वारा निर्मित यह चिप अंतरिक्ष और रक्षा अनुप्रयोगों के लिए डिजाइन की गई है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सेमीकॉन इंडिया 2025 में प्रधानमंत्री मोदी को यह चिप सौंपी। भारत को अपना पहला पूर्ण स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर ''विक्रम'' 3201 मिल गया है। देश को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनाने की दिशा में बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए भारत ने पहली 'मेड इन भारत' टेस्ट चिप भी तैयार कर ली है।

क्या है Vikram 32-Bit प्रोसेसर ?

'विक्रम' नामक पहला पूर्ण रूप से स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर को इसरो की सेमी-कंडक्टर प्रयोगशाला (एससीएल) ने विकसित किया है। यह माइक्रोप्रोसेसरों के क्षेत्र में 'आत्मनिर्भरता' की दिशा में बड़ी उपलब्धि है। भारत अभी तक विदेशों से चिप आयात करता रहा है, लेकिन ये विदेशी चिप पर भारत की निर्भरता कम करने के प्रयासों में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।

इसके क्या मायने हैं ?

सरकारी पहल के अंतर्गत यह उपलब्धि India Semiconductor Mission (2021) और Semicon India 2025 के तहत अस्थापित किए गए व्यापक सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का हिस्सा है, जिसमें उद्योग और तकनीक दोनों को बढ़ावा मिल रहा हैपीएम मोदी ने इन चिपों को डिजिटल युग का हीरा बताया है! उन्होंने कहा कि जिस तरह पहले तेल को काला सोना कहा जाता था, उसी तरह अब चिप डिजिटल हीरा हैं जैसे-जैसे दुनिया और ज्यादा डिजिटल और ऑटोमेटिक होने की दिशा में आगे बढ़ रही है, आर्थिक सुरक्षा और रणनीतिक स्वतंत्रता के लिए सेमीकंडक्टर चिपें बेहद जरूरी हो गई हैं.सेमीकंडक्टर चिपें आधुनिक तकनीक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं ये आकार में बहुत छोटी होने वाली चिपें, स्वास्थ्य सेवा, परिवहन, संचार और रक्षा से लेकर अंतरिक्ष क्षेत्र तक की जरूरी प्रणालियों को शक्ति प्रदान करती हैं.