नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री

नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री-

50 साल पहले बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त करने के बाद सुशीला कार्की ने शायद सोचा भी नहीं होगा कि वह नेपाल की राजनीति में एक कीर्तिमान स्थापित करेंगी। नेपाली सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला प्रधान न्यायाधीश रहीं 73 वर्षीय कार्की अब देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बन गई हैं।

कौन हैं सुषिला कार्की?

सात जून, 1952 को भारतीय सीमा के निकट विराटनगर के शंकरपुर-3 में जन्मी कार्की ने 1971 में नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय के महेंद्र मोरंग परिसर से स्नातक और 1975 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। 1978 में कानून की डिग्री हासिल करने के लिए वह त्रिभुवन विश्वविद्यालय लौट आई थीं।

क्यों हुआ प्रधानमंत्री का बदलाव?

हाल के दिनों में नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध और युवाओं (विशेषकर Gen Z) के विरोध प्रदर्शनों ने माहौल गरमा दिया। जगह-जगह हिंसा, आगजनी और पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों ने सरकार की स्थिति कमजोर कर दी। नतीजतन, ओली को इस्तीफ़ा देना पड़ा और राजनीतिक अस्थिरता के बीच एक तटस्थ और भरोसेमंद चेहरे की तलाश हुई।

सुशीला कार्की के अलावा कौन थे रेस में?

73 वर्षीय कार्की के नाम पर सहमति बनने से पहले लंबी बैठकें हुईं. Gen Z गुट, राष्ट्रपति और सेना प्रमुख भी इन बैठकों में शामिल रहे. अंतरिम प्रधानमंत्री की दौड़ में काठमांडू के मेयर बालेन शाह और नेपाल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के पूर्व प्रमुख कुलमान घीसिंग के नाम भी शामिल थे. लेकिन बालेन शाह ने खुद इस पद से इनकार कर दिया था.

Gen Z क्यों मान गए कार्की के नाम पर-
सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस रह चुकी हैं. अपने कार्यकाल में उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया, जिससे वे युवाओं के बीच लोकप्रिय हो गईं. यही कारण है कि पुरानी व्यवस्था से नाराज Gen Z आंदोलनकारियों ने उन्हें अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार किया.

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